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मैं मैगी मामले में नेस्ले फ़ूड की और से वकील मुकर्रर हुआ हूँ।

LOK SAMWAD
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मुझे नेस्ले ने वकील मुकरर्र किया है।
मैगी फ़ास्ट फ़ूड नूडल्स में स्वस्थ के लिए हानिकारक पदार्थ को ले कर कोहराम मचा है। जनता की हित चिंतक सरकारों ने आनन -फानन में इस की बिक्री पर प्रतिबन्ध भी लगा दिए हैं। मान लिया गया कि यह मसाला भोपाल गैस त्रासदी से भयावह हो सकता है। लाखो बच्चे और नौजवान अपाहिज हो सकते हैं। पर क्या यह एकतरफा सोच से दिया गया तर्क नहीं है?
मैंने नेस्ले का वकील होने से पहले यह बात साफ़ कर दी है कि मैं अपने देश के हर क्षेत्र में स्वावलम्बन का पक्षधर हूँ। कोई भी कार्पोरेट घराना या एमएनसी यदि भारतीय सामाजिक हितो के सरोकारों की अनदेखी कर देश के संसाधनो का सिर्फ मुनाफा कमाने के लिए दोहन करती है तो मैं उनका शत्रु हूँ। मैंने इन शर्तों के साथ मैगी केस की पैरोकारी करने को वकालत नामे पर हस्ताक्षर हैं। मैंने देश के नामी गरामी वकीलों की तरह केस तैयार करने के एवज़ में कुछ करोड़ और जन अदालत में प्रति पेशी दस लाख लूंगा पर सहमति दी है। मोटी फीस के लिए मैं यह केस लड़ रहा हूँ। मेरे बहुत से मित्रो को परेशानी हो सकती है पर पापी पेट का सवाल है। और इसी पापी पेट का हवाला दे कर ही इस देश के हज़ारो सरकारी कर्मचारी / पेशेवर लोग / ब्योपारी और दुकानदार अपने कर्तव्य की अनदेखी करते हैं।अब इस पेट में ही कुछ विष चला जाए तो पेट के पाप कट ही जाएंगे न ?
मैंने जो प्लेंट ( जवाबदावा ) तैयार किया है उसे आप भी पढ़ ले।
समक्ष फेसबुक की विशेष जन अदालत
वाद संख्या- 062015 / मैगी
नेस्ले फ़ूड बनाम अपाहिज तंत्र
महोदय उक्त वाद के संदर्भ में मैं अपने मुवक्किल नेस्ले फ़ूड की ओर से उस पर लगाए गए तमाम इल्ज़ाम नामंज़ूर किये जाने योग्य मानता हूँ। मेरे मुवक्किल ने कोई ऐसा काम नहीं किया जो इस देश और समाज की चली आ रही रवायत के खिलाफ रहा हो।
मेरे मुवक्किल ने वही किया जो इस देश का दूधिया बचपन से खिलवाड़ करने को करता आ रहा है। पानी की मिलावट ,नकली दूध और खोया का बनाया जाना समाज मान रहा है।
यह भी कि इस देश का ब्योपारी / दुकानदार आटे , मसाले , घी ,तेल और दालों में स्वस्थ को नुकसान पहुँचाने वाली मिलावट कर भी स्वीकार्य है।
यह कि इस देश में सरकार की देख रेख में बिकने वाली शराब से पीढ़ी शक्तिहीन और खोखली किया जाना स्वीकार्य है।
यह कि पूरे तंत्र की नाक के नीचे होनहार निर्माण के केन्द्रो में चरस ,गांजा ,अफीम ,कोकीन और न जाने क्या क्या आज तक अप्रतिबंधित है।
यह कि इस देश के दवा बाज़ार का एक बड़ा हिस्सा सब स्टैंडर्ड और मिलावटी दवाओं से भरा है और उसका जन स्वस्थ से खिलवाड़ अनदेखा स्वीकार्य है।
यह कि इस देश की टैस्ट लेबोरेटरी में किसी सैम्पल के फेल होने की गुंजाइस किसी की लापरवाही से ही संभव है और ऐसा हो जाने पर उसके छूट /बच निकलने के रास्ते अनेक मौजूद हैं।
अतः महोदय मेरे मुवक्किल ने ऐसा कोई काम नहीं किया जो इस देश /समाज की स्वीकार्य मान्यताओं /परम्पराओं के खिलाफ हो। मेरे मुवक्किल ने जन स्वास्थ के साथ भी खिलवाड़ नहीं किया क्योकिं यहां उस से बड़े प्लयेर पहले से ही वह काम अंजाम दे चुके हैं। यह भी कि मेरे मुवक्किल ने मुनाफ़ा बेज़ा जरूर कमाया पर एक बेहतर रूचिकर स्वाद इस देश की जनता को दिया जबकि बाजार में पहले से मौजूद खिलाडी वही दोयम दर्जे के चिप्स ,नमकीन ,पापड ,भुजिया ,सिंवईया बेच बेच कर हवेलिया खड़ी कर रहे थे।
महोदय इन तथ्यों और प्रमाणों के प्रकाश में मेरे मुवक्किल नेस्ले फ़ूड पर कोई आरोप नहीं बनाता और यह वाद खारिज किये जाने योग्य है।
सुरेन्द्र सिंह आर्य -नेस्ले फ़ूड के लिए और की ओर से नियुक्त वकील।

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